600 रु किलो मिलने वाली इस विदेशी सब्जी की खेती से किसान होंगे मालामाल, एक बार लगाएं 8 महीने कमाएं, जानिए कहाँ कैसे होती है खेती

600 रु किलो मिलने वाली इस विदेशी सब्जी की खेती से किसान होंगे मालामाल, एक बार लगाएं 8 महीने कमाएं, जानिए कहाँ कैसे होती है खेती।

महंगी सब्जी खेती से किसान होगा मालामाल

किसान ऐसी फसल की खेती करना चाहते हैं जिसमें उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा हो सके। तो आज हम एक ऐसी सब्जी की खेती के बारे में जानने वाले हैं जिसकी किसानों को ज्यादा कीमत मिलेगी। जी हां क्योंकि यह सब्जी ₹600 से लेकर ₹700 तक प्रति किलो में जाती है, और यह एक विदेशी सब्जी है।

जिससे किसान लंबे समय तक कमाई कर सकते हैं। इस सब्जी को किसान अन्य सब्जियों के साथ भी लगा सकते हैं। आपको बता दें कि कम जगह में इस सब्जी को लगाकर किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। चलिए इस सब्जी के बारे में और इसे लगाने के तरीके के बारे में भी जानते हैं।

ब्रसेल्स स्प्राउट्स

दरअसल हम ब्रुसेल्स स्प्राउट सब्जी की बात कर रहे है। यह गोभी के जेमीफेरा कल्टीवेर समूह की है एक सदस्य है। इसके पत्ते भी सघन होते है। इसे लोग सब्जी की तरह पकाकर खाते है। सलाद भी इसका बनता है। इसकी खेती करके किसान तगड़ी कमाई कर सकते है। तो देर किस बात की चलिए जानते है इसकी खेती से जुडी कुछ अहम जानकारी।

600 रु किलो मिलने वाली इस विदेशी सब्जी की खेती से किसान होंगे मालामाल, एक बार लगाएं 8 महीने कमाएं, जानिए कहाँ कैसे होती है खेती

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ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिये ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती के बारें में।

  • ब्रसेल्स स्प्राउट की खेती में जलवायु और मिट्टी का पूरा देना होगा। जिसमें आपको बता दे कि यह ठंडी और गिली जलवायु में उगाई जाती है। जिसमें 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बेहतर माना जाता है।
  • यह पकने में अधिक समय लेती है। जिसमें तापमान 1 से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस तक हो ठीक रहता है। यानि की ज्यादा तापमान नहीं चाहिए।
  • इसे रेतीली दोमट मिट्टी में उगाये तो बेहतर होगा।
  • बुवाई के समय इसके बीज करीब 2 सेमी की दूरी पर बोये।
  • इसकी बुवाई का समय फरवरी और मार्च है। जिसके बाद अप्रैल, मई और जून में फसल मिलने लगती है। जिससे अगस्त से मार्च तक कटाई होती है।
  • इसकी खेती ठंडी सब्जियों में आती है। यही वजह है कि ये जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और यूपी के पहाड़ी क्षेत्रो में की जाती है। लेकिन यह एक विदेशी सब्जी है। इसे अमेरिका और यूरोप में अधिकतर उगाया जाता है।

इस तरह यह एक नगदी फसल है। जिसकी खेती से किसानों को मुनाफा प्राप्त होगा।

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