40 से 80 रुपए प्रति किलो की रफ़्तार से बिकने वाली सब्जी की खेती, रुद्रपुर के किसान हो रहे मालामाल, आइये जाने कितने बीघे में कितना किया खर्च

40 से 80 रुपए प्रति किलो की रफ़्तार से बिकने वाली सब्जी की खेती, रुद्रपुर के किसान हो रहे मालामाल, जानिए कितने बीघे में कितना किया खर्च, किसान को हो रहा कम लागत में लाखो का मुनाफा।

कम लागत में ज्यादा मुनाफा

ऐसी सब्जियां होती हैं, जिनकी डिमांड बाजारों में हमेशा रहती है। जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी होता है। हम बात कर रहे हैं अरबी की खेती की। ये जड़ में लगी अरबी की सब्जी के लिए उगाया जाता है। अरबी को कंद भी बोला जाता है। अरबी को रात भर ठण्डे पानी में रखने से भी ख़राब हो जाती है। अरबी एक सब्जी है, जिसकी कोमल पत्तियों से भी सब्जी बनाई जाती है। जिसे लोगो बहुत चाव से खाते है। अरबी (कंद ) कुछ छोटे और कुछ बड़े होते है। ये फसल सभी राज्यों में की जाती है।

हजार रुपये की लागत से छप्परफाड़ कमाई

दरअसल हम बात कर रहे हैं, एक ऐसे किसान की जो लखीमपुर जनपद के रुद्रपुर गांव रहने वाले है उनका नाम नीरज है। किसान नीरज ने बताया कि तीन वर्षों से लगातार सब्जी की खेती कर रहे हैं। किसान नीरज ने बताया कि तीन बीघा में इस बार उन्होंने अरबी की खेती की है, वह अरबी की खेती कर रहे हैं। अरबी की खेती में लागत करीब एक बीघे में 10 से 15 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब तक हो जाता है। उनको अरबी की खेती से अच्छा मुनाफा हो रहा है।

40 से 80 रुपए  प्रति किलो की रफ़्तार से बिकने वाली सब्जी की खेती, रुद्रपुर के किसान हो रहे मालामाल, आइये जाने कितने बीघे में कितना किया खर्च

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कब-कब होती है खेती

खरीफ और रबी दोनों मौसम में की जाती हैं। खरीफ की फसल की बुवाई जुलाई माह में की जाती हैं। दिसंबर और जनवरी महीने तक तैयार हो जाती है। रबी की फसल अक्टूबर महीने में लगाई जाती हैं, जो अप्रैल और मई माह में तैयार हो जाती हैं। अरबी को गर्मी और बरसात दोनों मौसम में खेती कर सकते हैं। अरबी पौधे बारिश और गर्मियों के मौसम में अच्छे से विकास करते है। सर्दियों के मौसम में गिरने वाले पाले से पौधों की वृद्धि रुका जाती है।

कैसे करे खेती की देखभाल

अरबी की खेती दोमट मिट्टी वाले खेतो की जाती है। ऐसा खेत हो जिसमे पानी न रुके। । खेत की मिट्टी को हल की सहायता से 2 से 3 बार गहरी जुताई करनी चाहिए। बुवाई से पहले अरबी के खेत में गोबर की खाद 15 से 20 दिन पहले खेत में मिला देनी चाहिए। अरबी की बुवाई समतल खेत या मेड़ पर की जाती है।

अरबी के खेत में पानी समय-समय पे देते रहना चाहिए। अरबी की खेती के लिए गर्मी के मौसम के दौरान इसके खेत में नमी को बनाए रखने के लिए 7 से 8 दिन के बीच में सिंचाई की करते रहना चाहिए। यदि कंदो की बुवाई बारिश के मौसम में की जाती है, तो अधिक सिंचाई की जरुरत नहीं होती हैं। यदि बारिश समय पर नहीं होती हैं, तो 15 से 20 दिन में सिंचाई कर लेनी चाहिए।बुबाई के बाद 5 से 6 महीनो में फसल तैयार हो जाती है।

अरबी के खेत की समय समय से चार निकालन ,खाद छिड़काव, पौधों की जड़ों पर मिट्टी चढ़ाना। अरबी के पौधें में तने अधिक निकाल रहे हो, तो एक या दो तनों को छोड़कर शेष तनों की कटाई कर दे।

अरबी का भाव

बाजारों में अरबी की मांग हमेशा बनी रहती है। अरबी की फसल 130 से 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है। अरबी की कीमत 40 से 80 रूपए प्रति किलो तक होती हैं। अरबी फसल की अच्छी कीमत मिल जाती हैं। प्रति एकड़ 1.5 से 2 लाख रूपए की कमाई हो जाती हैं। कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है।

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