जुलाई में किन सब्जियों की खेती में मुनाफा होगा इसके बारे में यहां पर जानकारी दी जा रही है, जिसमें फसल का नाम खेती का तरीका जानेंगे-
जुलाई में सब्जियों की खेती
जुलाई में बरसात होती है, लेकिन कई तरह की सब्जियों की खेती की जा सकती है। अगर आपके खेत में पानी रुकता नहीं है तो फसल अच्छी ली जा सकती है। जिसमें यहां पर आपको चार फसलों की जानकारी दी जा रही है, जिससे अच्छा पैसा कमाया जा सकता है, बाजार में उनकी डिमांड रहती है, और कीमत भी बढ़िया मिलती है।
जुलाई के लिए 4 फसलें
नीचे लिखे चार बिंदुओं के अनुसार जुलाई में लगने वाली 4 अधिक मुनाफा देने वाली फसलों के बारे में जाने-
- सबसे पहले हम हरा धनिया की बात कर लेते हैं, तो हरा धनिया की खेती अगर 1 एकड़ में करेंगे तो 2 से 2.5 लख रुपए तक की कमाई की जा सकती है, वह भी 2 महीने के भीतर। बस बढ़िया बाजार भाव मिल जाए। क्योंकि बरसात में धनिया की आवक कम हो जाती है। धनिया की खेती मल्चिंग विधि से करेंगे तो बेहतर होगा। जिसमें दो कतार के बीच की दूरी 25 सेंटीमीटर और दो पौधों के बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर रखेंगे तो पौधे का विकास अच्छे से होगा। जिसमें बुवाई से पहले सड़ी हुई गोबर की खाद डालें गहरी जुताई करके ही खेती करें, धनिया को भिगोकर बोयें जिससे अंकुरण अधिक होगा।
- इसके अलावा किसान भाई जुलाई में शिमला मिर्च की खेती कर सकते हैं। 60 से 70 दिन में फसल तैयार हो जाती है। दो कतार के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर, दो पौधों के बीच की दूरी 45 सेमी रखें। शिमला मिर्च की फसल उच्च गुणवत्ता वाली हो इसके लिए पॉलीहाउस में खेती करना बेहतर माना जाता है। एक एकड़ में 35 से 40 टन उत्पादन लिया जा सकता है जिससे ₹300000 तक की कमाई की जा सकती है।
- जुलाई में किसान भाई खीरा की खेती कर सकते हैं। 80 दिन में फसल तैयार हो जाती है। खीरा के अलावा ककड़ी भी लगा सकते हैं। मल्चिंग विधि से खेती करेंगे तो अच्छा होगा, तार विधि लगा लेंगे तो उत्पादन अधिक मिलेगा। खीरा की खेती एक एकड़ में करने पर 400 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है, जिससे 80000 से लेकर ₹100000 तक कमाई की जा सकती है।
- करेला की खेती में जुलाई में कर सकते हैं, 90 दिन में फसल तैयार हो जाती है। 1 एकड़ से 1.5 लख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। करेला की खेती मचान बनाकर करें। प्रति एकड़ 50 से 60 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है। बस बढ़िया उन्नत किस्म का चुनाव करें।
बरसात में किसी भी फसल को लगाने से पहले खेत की गहरी जुताई करें, जिससे मिट्टी की जल्द धारण करने की क्षमता बढ़ जाए तथा पानी की निकासी की व्यवस्था करें, बरसात के बाद पानी खेत में रुकना नहीं चाहिए।