35 दिन में तैयार होने वाली फसल लगाकर दूसरी फसलों से करें दोगुनी कमाई

किसान नोट गिनते-गिनते थक जाएंगे, 35 दिन में तैयार होने वाली फसल लगाकर दूसरी फसलों से करें दोगुनी कमाई।

35 दिन की फसल किसान को मालामाल कर देगी

कौन किसान नहीं चाहेगा कि कम समय कम खर्च कम मेहनत में उसकी फसल तैयार हो जाए और अच्छी कमाई भी हो जाए, मंडी में बढ़िया कीमत मिल जाए। यह तो किसी सौभाग्य से कम नहीं होगा। तब आज हम आपको एक ऐसी फसल की जानकारी देने जा रहे हैं। जिसे उत्तर प्रदेश के बागपत के किसान लगाकर मालामाल हो रहे हैं। उनका कहना है कि यह कम लागत वाली फसल है। पानी का खर्चा भी कम आता है और कम समय में तैयार होकर मुनाफा ही मुनाफा देती है।

दरअसल हम बात कर रहे हैं मूली की खेती की। वह सफेद मूली की खेती करके कमाई कर रहे हैं। 35 दिन में यह फसल तैयार हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं मूली की फसल में उन्होंने किस बात पर ध्यान रखने के लिए कहा है और कितनी कीमत मंडी में उन्हें मूली की मिल रही है।

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मूली की फसल में एक बात का रखें ध्यान

खेती अधिक पैदावार लेने के लिए आपको कई चीजों को बढ़िया तरीके से करना पड़ता है। जैसे की खेत को तैयार करना, मिट्टी का उपजाऊ होना, पानी की निकासी का ध्यान रखना। लेकिन मूली की खेती में एक समस्या आती है कि इसमें कीट बहुत लग सकते हैं। इसके पत्तों को खा सकते हैं। जिससे मंडी में कीमत गिर सकती है। लेकिन अगर आप समय-समय पर स्प्रे करेंगे तो मूली को रोग से बचा सकते हैं। इसीलिए समस्या आने से पहले ही स्प्रे करें। आप जैविक रूप से भी अपनी फसल को बचा सकते हैं।

मूली की कीमत

मूली की खेती में मुनाफा है। वह मूली की खेती करके बेहद संतुष्ट है। उन्होंने बताया कि एक दो नहीं 15 बीघा में हम मूली लगाते हैं, और अच्छी इससे उन्हें आमदनी है। मूली का रेट इस समय उन्हें ₹20 मिल रहा है। यानी की ₹20 किलो वह खेकड़ा मंडी, लालबाग मंडी में मूली की बिक्री करते हैं। साल में चार बार वह मूली लगा लेते हैं। क्योंकि उन्हें इसमें फायदा है। 35 दिन में तैयार हो जाती है फसल और मंडी में वह जाने लगती है। जिससे फटाफट कमाई होती है।

मूली की फसल कितने दिन में तैयार ही जाती है?

मूली की फसल आमतौर पर 30 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है | मूली की फसल के तैयार होने का समय इसकी किस्म और जलवायु पर भी निर्भर करता है।
जैसे कि
अगेती किस्में (Early Varieties): 30-40 दिन में तैयार हो जाती हैं।
मध्यम अवधि किस्में (Mid-duration Varieties): 40-50 दिन में तैयार होती हैं।
पछेती किस्में (Late Varieties): 50-60 दिन ले सकती हैं।

मूली के बीज का तेल कैसे बनाएं

मूली के तेल को बनाने के लिए कोल्ड प्रेस और वुडन घानी दोनों विधियाँ इस्तेमाल की जाती हैं |

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