किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए, पशुपालन का खर्चा उठाने के लिए ₹30000 सालाना दिए जाएंगे। चलिए बताते हैं किस राज्य की यह योजना है और शर्तें क्या है-
किसानों को 30 हजार रु सालाना
किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए तो सरकार विभिन्न प्रकार की योजना चला ही रही है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं खेती के साथ पशुपालन करने वाले किसानों की, वह किसान जो खेत की जुताई बैल के माध्यम से करते हैं उन्हें सरकार ₹30000 सालाना देगी। यह लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा। दरअसल, बैलों की संख्या में कमी देखते हुए सरकार ने बैल से खेती करने को प्रोत्साहित किया है, तथा जो किसान बैल से खेती करते हैं उन्हें बैल का पालन करने के लिए हर साल ₹30000 आर्थिक मदद दी जाएगी।
इस राज्य के किसान होंगे लाभार्थी
यह योजना राजस्थान राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है। प्रदेश में नागौरी नस्ल के बैलों की संख्या में कमी देखते हुए बैल का पालन करने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है। ताकि बैल के पालन में आने वाले खर्चे में पशुपालकों की मदद हो सके और वह खेत की जुताई बैलों से करके ट्रैक्टर का भी पैसा बचा सके। लेकिन यहां पर कुछ शर्ते भी रखी गई है, तो चलिए आपको बताते हैं वह शर्तें क्या है और आवेदन कैसे करना है।

सिर्फ 30 दिन में होगा काम
बैल पालन के लिए सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। आवेदन करते ही 30 दिन के भीतर यह जांच पूरी हो जाएगी। आवेदन में कोई कमी पाई गई तो उनके द्वारा दिए गए फोन नंबर पर जानकारी दी जाएगी। आवेदन करने के लिए किसान नजदीकी ई-मित्र केंद्र या राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार के द्वारा आवेदन कर सकते हैं।
यहां पर शर्त ये है रखी गई है कि जो बैल है, उनका पशु बीमा हुआ हो और बैल की उम्र 15 वर्ष से अधिक ना हो। इस तरह इन बातों का पशुपालकों को ध्यान रखना होगा और आपको बता दे की कृषि एवं पशुपालन विभाग द्वारा इन किसानों का चुनाव किया जाएगा।