किसानों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान, 3 साल तक ₹5000 देगी सरकार, जानिए क्या है जैविक खेती योजना। जिससे 500 किसानों के समूह बनाकर अनुदान के साथ खेती और उपज की बिक्री के लिए सरकार देगी प्रशिक्षण। खेत का रखेगी पूरा लेखा-जोखा।
किसानों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए एक बड़ी लाभकारी योजना आई है। जिसका लाभ उठाकर किसान कई तरीके के फायदे ले सकते हैं। यहां पर सिर्फ किसानों को 3 साल तक पैसे ही नहीं मिलेंगे बल्कि उनके खेत की मिट्टी भी उपजाऊ हो जाएगी, उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही साथ खर्चा भी कम आएगा और मिलने वाले अनाज के सेवन से उनके सेहत को फायदा होगा। क्योंकि केमिकल वाली खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी भी खराब हो रही है, उपजाऊ नहीं रह जा रही है। साथ-साथ सेहत पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
लेकिन सरकार की इस नीति के कारण किसानों को जैविक खेती के लिए अनुदान भी मिलेगा और खेती करने से लेकर उपज की मार्केटिंग-ब्रांडिंग आदि करने के बारे में पूरी जानकारी प्रशिक्षण दी जाएगी। तो चलिए जानते हैं जैविक खेती को सरकार किस तरीके से प्रोत्साहित कर रही है और लाभ कैसे मिलेगा।
3 साल तक ₹5000 देगी सरकार
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को हर साल ₹5000 देने का ऐलान किया है। जिसमें किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर तक लाभ मिलेगा और यहां पर लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। इसके अलावा उन जगहों का चयन किया जाएगा जहां पर पारंपरिक खेती के तरीके अपनाए जा रहे हैं और रासायनिक खाद कीटनाशक आदि का इस्तेमाल बेहद कम हो रहा है।
इस तरह इस योजना के तहत 3 साल तक किसानों को लाभ मिलेगा। क्योंकि अभी तक रासायनिक खाद का इस्तेमाल होने से खेत की मिट्टी की हालत खराब हो चुकी है। जिसे सुधारने में करीब 3 वर्ष का समय लगेगा। तब तक हो सकता है कि किसानों को रासायनिक उर्वरक के बराबर उपज ना मिले लेकिन धीरे-धीरे उपज की मात्रा बढ़ेगी और इससे किसानों को फायदे ही फायदे होंगे।
इसके लिए सरकार जैविक खेती और जैविक प्रमाणीकरण के साथ-साथ बायो इनपुट निर्माण और वैल्यू एडिशन एवं मार्केटिंग से जुड़े प्रशिक्षण देगी। जिससे किसान को किसी तरह से कोई दिक्कत नहीं आएगी। किसान जैविक खेती करके खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाएं और स्वास्थ्यवर्धक अनाज प्राप्त करें।
खेतों की होगी निगरानी
जिसके लिए लगातार किसानों के खेत को निगरानी पर रखा जाएगा और पूरी हिस्ट्री तैयार की जाएगी कि किस तरह से बदलाव देखा जा रहा है। कितना उपज हो रहा है। उपज की किस तरीके से ब्रांडिंग करनी है। यह सारी चीज सरकार ध्यान रखेगी। आपको बता दे कि अभी तक मध्य प्रदेश राज्य देश में जैविक उत्पाद में 40% हिस्सा रखता है। यानी कि अभी तक 1 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है। जिसे आगे और भी बढ़ाया जा सकेगा।
अब 500-500 किसानों के समूह बनेंगे और इनके लिए सरकार आउटसोर्स एजेंसी का चयन करेगी। जिससे किसानों जैविक खेती से अधिक कमाई करने में मिलेगी।