किसानों को खाद के लिए प्रति हेक्टेयर 2 हजार रु दे रही है सरकार, बस पूरी करनी होगी ये शर्त

इस लेख में किसानों को खाद के लिए प्रति हेक्टेयर 2 हजार रु सब्सिडी मिलने के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसके लिए राज्य सरकार ने किसानों के सामने एक शर्त भी रखी है-

किसानों को खाद पर मिल रही है सब्सिडी

फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए किसान लंबे समय से खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, जिसमें कई किसान अलग-अलग तरह की खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें कुछ डीएपी यूरिया जैसे रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ किसान वर्मीकम्पोस्ट गोबर की खाद जैसे जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे भी कई किसान हैं जो नैनो यूरिया नैनो डीएपी खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें सरकार किसानों की मदद के लिए सब्सिडी भी देती है ताकि खाद का खर्च कम हो, तो चलिए आज जानते हैं कि कौन सी राज्य सरकार किस खाद की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है।

इस राज्य के किसानों को मिलेंगे ₹2000

दरअसल, राजस्थान राज्य सरकार ने नैनो यूरिया खाद का इस्तेमाल करने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹2000 दिए जायेंगे। यहां कौन जाएगा, किसके सामने शर्त यह है कि प्रति हेक्टेयर सवा लीटर नैनो यूरिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यहां किसानों को खाद का छिड़काव नहीं करना पड़ेगा, बल्कि नमो ड्रोन दीदी योजना या कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा ड्रोन की मदद से खाद का छिड़काव किया जाएगा, इससे खाद की लागत कम होगी और यह पर्यावरण के अनुकूल है।

जिससे किसानों को नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने पर कोई नुकसान नहीं होगा, उन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी मिलेगी, राजस्थान राज्य सरकार क्लस्टर बनाकर इस योजना का लाभ दे रही है, जिसमें एक क्लस्टर में 10 हेक्टेयर जमीन आएगी, ताकि छोटे किसान भी इस योजना से जुड़ सकें।

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कैसे मिलेगा लाभ

अगर किसान नैनो यूरिया खाद का इस्तेमाल करना चाहते हैं और राजस्थान राज्य सरकार से ₹2000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद पाना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा, क्लस्टर का चयन होने पर वे राज्य किसान साथी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, इसके बाद किसानों को सहकारी समिति, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पंजीकृत डीलर से नैनो यूरिया खाद लेनी होगी और फिर नमो ड्रोन दीदी योजना या कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा खाद का छिड़काव किया जाएगा और फिर राज्य सरकार फिजिकल वेरिफिकेशन ऐप से छिड़काव की पुष्टि होने के बाद फिर किसानों को उनके खाते में पैसे मिलेंगे।

इस तरह इस योजना के तहत किसानों को नैनो यूरिया के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें आर्थिक मदद भी मिल रही है।

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