15 फरवरी तक करें इस सब्जी की खेती, कम लागत में जोरदार मिलेगा मंडी भाव, 30 से ₹50 किलो जाती है कीमत

अगर कम जमीन से ज्यादा कमाई करना चाहते हैं तो चलिए आपको कम लागत वाली सब्जी की खेती की जानकारी देते हैं जिससे तगड़ी कमाई होगी-

कम लागत और जमीन से ज्यादा मुनाफा

हमारे देश में कई छोटे किसान भी हैं जिनके पास जमीन कम है तो अगर वह अधिक कमाई करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है। किसान कम जमीन कम लागत में भी अधिक कमाई कर सकते हैं और यह फसल कम समय की भी है तो जल्दी से तैयार हो जाएगी और आपको आमदनी देने लगेगी। इसके बाद कुछ दिन बाद दूसरी फसल भी लगा पाएंगे। दरअसल हम तर ककड़ी की खेती की बात कर रहे हैं। यह एक कद्दू वर्गीय फसल है। इसका इस्तेमाल सलाद और सब्जी दोनों के रूप में किया जाता है।

आने वाले समय में इसकी डिमांड बढ़ने वाली है तो अगर किसान इस समय इसकी खेती कर लेते हैं तो अच्छी खासी इससे कमाई हो जाएगी। चलिए जानते हैं तर ककड़ी की खेती का समय और तरीका।

खेती का समय और तरीका

अगर किसान समय का ध्यान रखकर खेती करते हैं तो उन्हें अधिक कीमत मंडी में मिलती है। जैसे की तर ककड़ी की खेती अगर किसान 15 फरवरी तक कर लेते हैं तो आने वाले समय में उन्हें बढ़िया इसकी कीमत मिलेगी तर ककड़ी की फसल 35 दिन में तैयार हो जाएगी। इसकी खेती के लिए किसान बढ़िया से खेत तैयार करें और 3 फीट चौड़ाई वाले 1 फीट ऊंचे बेड बनाएं और मल्चिंग लगाकर ड्रिप इरीगेशन के द्वारा इसकी खेती करें। एक एकड़ में ₹400 का बीज लगेगा और खाद की बात करें तो बढ़िया तीन-चार ट्रॉली गोबर की खाद डालें।

मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार अन्य खाद भी डाल सकते हैं। जमीन की तैयारी करते समय बढ़िया बेसल डोज भी डालें। इसकी बुवाई के लिए नमी वाली मिट्टी बढ़िया होती है। 32 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में किसान इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं। इससे किसानों को अच्छी आमदनी मिलती है।

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दूसरी फसल भी ले सकते हैं किसान

तर ककड़ी की खेती अगर किसान कर रहे हैं तो इसकी फसल जल्दी तैयार हो जाती है तो इसके साथ-साथ किसान दूसरी फसल भी लगा सकते हैं। एक दो तुड़ाई लेने के बाद फिर किसान देसी टिंडे लगा सकते हैं। जिसके लिए जैसे की 3 फीट का बेड बनाएंगे तो एक तरफ यह फसल बाद में लगा दे। यह भी 45 से 60 दिन में तैयार हो जाएगी, तो उसी बेड में दूसरी तरफ यह फसल भी लगा सकते हैं। यानी कि कम खर्चे में दो फसल लेकर किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। एक ही मल्चिंग में दो फसल लग जाएगी।

देसी टिंडा के खेती में भी किसानों को फायदा है। फरवरी से मार्च और जून से जुलाई के बीच किसान इसकी खेती कर सकते हैं। टिंडे की तुड़ाई कच्चे अवस्था में ही की जाती है। एक हेक्टेयर से 125 से 200 क्विंटल उपज इससे किसानों को मिल जाती है।

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