खेती से जुड़ा यह व्यवसाय से करके गोबर की मदद से सालाना ₹4 लाख की कमाई कर सकते है। चलिए आपको बताते है इसमें लागत कितनी आएगी और मुनाफा कैसे होगा-
गोबर से सालाना हो रही ₹4 लाख कमाई
अगर आप खुद का व्यवसाय करना चाहते हैं तो इस लेख में आपको खेती से जुड़े एक ऐसे व्यवसाय की जानकारी देने जा रहे हैं। जिससे एक व्यक्ति सालाना 4 लाख की कमाई कर रहे हैं। जिनका नाम चौधरी लालजीभाई है और यह हेमंतपुरा गांव के रहने वाले हैं। आपको बता दे की वह वर्मी कंपोस्ट खाद का व्यवसाय करते हैं। वर्मी कंपोस्ट एक जैविक खाद होती है। जिससे मिट्टी उपजाऊ होती है। मिट्टी किसी तरह का नुकसान नहीं होता, ना ही पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। जिससे इस खाद की डिमांड समय के साथ बढ़ती ही जा रही है।
खेती-बागवानी करने वाले इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसकी कीमत की बात करें तो प्रति बैग 300 से ₹400 का बिक रहा है। जो की 50 किलो का होता है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे बनाई जाती है, और लाखों का मुनाफा देने वाला यह व्यवसाय कितने हजार में उन्होंने खड़ा किया है।
वर्मी कम्पोस्ट कैसे बनाये
वर्मी कंपोस्ट खाद गोबर से बनाई जाती है। इसलिए हमने कहा गोबर से चार लाख की कमाई कर रहे हैं। इस खाद को बनाने के लिए गोबर के साथ-साथ घास, सूखा कचरा, केचुआ, सूखे पत्ते आदि की जरूरत पड़ती है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पुराना ठंडा गोबर इस्तेमाल करें और आपके क्षेत्र में जिस तरह का तापमान है उस हिसाब से केंचुआ का चयन करें। जिसमें लालजी भाई का कहना है कि उनके यहां तापमान ज्यादा रहता था। जिसकी वजह से उन्होंने पंजाब से 20 किलो केचुएं मंगाएं। जो 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी आराम से रह सकता है, और बढ़िया खाद तैयार कर सकता है।
वर्मी कम्पोस्ट खाद को बनाने के लिए पहले तो वह बेड बनाते हैं। उसके बाद सूखे पत्ते, घास या सूखा कचरा फैला देते हैं। फिर महीने भर पुराना गोबर डाल देते हैं और फिर केंचुआ डाला जाता है। ऊपर से पुआल हल्का ढक भी सकते हैं। जिससे केंचुआ पर सीधी धूप नहीं पड़ेगी। केंचुआ खाद कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाने वाली खाद है।

कुछ हजार लगाकर शुरू किया व्यवसाय
किसी भी व्यवसाय को करने से पहले उसमें आने वाली लागत की भी जानकारी होनी चाहिए। जिसमें वर्मी कंपोस्ट खाद का यह व्यवसाय कम लागत में शुरू किया जा सकता है। लेकिन कमाई करने के लिए लगातार बागवानी करने वालों, नर्सरी वालों, खेती करने वाले लोगों से संपर्क बढ़ाना होगा। जितनी ज्यादा मार्केटिंग अच्छी करेंगे, उतना ज्यादा इसमें फायदा होगा। ऑनलाइन भी बिक्री कर सकते हैं। किसान लालजीभाई ने बताया कि इसमें लागत शुरुआत में उन्होंने 13 बेड बनाया। जिसमें ₹60000 आई थी। अब वह इससे लगातार कमाई कर रहे हैं।
जिसमें एक बेड में 2000 किलो गोबर लगता है और उसे 700 किलो वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार होती है। जिसकी कीमत की बात करें तो 350 से ₹400 प्रति बोरी मिल जाती है। इस तरह अगर एक साल में 1300 बैग भी बिक जाते हैं तो भी अच्छी कमाई हो जाती है। किसान लालजी भाई आज सालाना ₹400000 इसी से कमा रहे हैं। इस तरह यह एक अच्छा व्यवसाय है। किसानों को इस व्यवसाय से अधिक मुनाफा होगा। खाद का खर्चा कम होगा।