गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर, परिवहन का खर्च राज्य सरकार उठा रही है, ₹200 प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जाएगी-
किसानों को मिलेगी ₹200 प्रति क्विंटल की सब्सिडी
गेहूं की खेती में किसानों को मुनाफा होता है, कई राज्य सरकारें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदती हैं, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं उन किसानों की जिन्हें राज्य सरकार की ओर से ₹200 प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जा रही है, परिवहन का पूरा खर्च सरकार उठा रही है, यानी यहां किसानों को काफी फायदा हो रहा है, गेहूं को केंद्र तक पहुंचाने का खर्च सरकार उठा रही है और किसानों को अच्छी कीमत भी देगी, गेहूं की कीमत ₹60 प्रति किलो होगी।

इन किसानों के लिए अच्छी खबर है
दरअसल हम बात कर रहे हैं हिमाचल के किसानों की, जो प्राकृतिक खेती करके गेहूं उगाते हैं। ऐसे किसानों के लिए सरकार परिवहन का खर्च वहन कर रही है, ताकि किसान प्राकृतिक खेती की ओर अधिक आकर्षित हों। प्राकृतिक खेती करने से किसानों को कई लाभ हैं। अनाज में किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होता, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। साथ ही इससे जमीन भी खराब नहीं होती और न ही पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है।
10 मई से शुरू होगी खरीद
हिमाचल में प्राकृतिक खेती का तरीका अपनाकर गेहूं उगाने वाले किसान 10 मई से इसे बेच सकेंगे। प्राकृतिक गेहूं की खरीद की प्रक्रिया 10 से 15 मई के बीच शुरू की जा रही है। बताया जा रहा है कि ऊना जिले में 49 किसानों ने प्राकृतिक गेहूं की खेती की है, जबकि जिले में कुल 16858 किसानों ने प्राकृतिक खेती की थी। प्राकृतिक खेती में किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होता। किसान जैविक खाद का प्रयोग करते हैं।
हिमाचल सरकार ने ऊना जिले में कृषि विभाग की कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी आतमा परियोजना के तहत किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं खरीद रहे है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। अन्य राज्य सरकारें भी हैं जो इस खेती के लिए किसानों अनुदान दे रही है, जैसे मध्य प्रदेश में ही प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी दी जा रही है, इसके साथ ही मार्केटिंग की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है।